प्रस्तुतकर्ता
Dr.pro.Jadhav Sunil Gulabsing
को
फोटो १- इन्डोनिशिया बाली में पुस्तक विमोचन फोटो २- प्रो.उपुल रंजित,श्रीलंका, प्रो.रामप्रसाद भट, जर्मनी, प्रो.अनुष्का, श्रीलंका नमस्कार ! " शोध-ऋतु" अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका में आपका स्वागत हैं | मनुष्य को भविष्य में प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति एवं विकास के लिए शोध की आवश्यकता पड़ती हैं | वह अपने जन्म काल से लेकर आजतक विभिन्न क्षेत्रों में शोध करता आया हैं और करता रहेगा | शोध करना उसकी आवश्यकता बन गयी हैं | शोध के कारण ही मनुष्य आज ब्रह्माण्ड नाप रहा हैं | शोध मनुष्य के जीवित होने का प्रमाण हैं | यदि वह शोध नहीं करेगा तो स्थिर हो जायेगा | मनुष्य स्थिर प्राणी नहीं हैं | वह प्रगतिशील एवं संवेदनशील प्राणी हैं | यही कारण हैं कि वह अपने सर्वांगीण विकास एवं प्रगति के लिए शोध करता रहता हैं | शिक्षा , संस्कृति , साहित्य , समाज का निकट का सम्बन्ध हैं | आज शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न विषयों पर शोध कार्य हो रहे हैं | जो आनेवाली पीढ़ी के सम्मुख उपस्थित होनेवाली संकल्पनाओं को स्पष्ट करता जाता हैं | ऐसे ही शोध कार्य करनेवाले
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