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नमस्कार !

फोटो १-  इन्डोनिशिया बाली  में पुस्तक विमोचन  फोटो २- प्रो.उपुल रंजित,श्रीलंका,  प्रो.रामप्रसाद भट, जर्मनी,  प्रो.अनुष्का, श्रीलंका  नमस्कार !    " शोध-ऋतु" अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका में आपका स्वागत हैं | मनुष्य को भविष्य में प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति एवं विकास के लिए शोध की आवश्यकता पड़ती हैं | वह अपने जन्म काल से लेकर आजतक विभिन्न क्षेत्रों में शोध करता आया हैं और करता रहेगा | शोध करना उसकी आवश्यकता बन गयी हैं | शोध के कारण ही मनुष्य आज ब्रह्माण्ड नाप रहा हैं | शोध मनुष्य के जीवित होने का प्रमाण हैं | यदि वह शोध नहीं करेगा तो स्थिर हो जायेगा | मनुष्य स्थिर प्राणी नहीं हैं | वह प्रगतिशील एवं संवेदनशील प्राणी हैं | यही कारण हैं कि वह अपने सर्वांगीण विकास एवं प्रगति के लिए शोध करता रहता हैं |              शिक्षा , संस्कृति , साहित्य , समाज का निकट का सम्बन्ध हैं | आज शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न विषयों पर शोध कार्य हो रहे हैं | जो आनेवाली पीढ़ी के सम्मुख उपस्थित होनेवाली संकल्पनाओं को स्पष्ट करता जाता हैं | ऐसे ही शोध कार्य करनेवाले शोधार्थियों के लिए "शोध-ऋ
> ---> 5000 हजार रूपये में छपवायें सबसे सस्ता ई पुस्तक............ शोध-ऋतु अंतरराष्ट्रीय तिमाही शोध पत्रिका में विद्वानों,अतिथियों,शोधार्थियों का स्वागत हैं | >>>>>आलेख आमंत्रित हैं |>>>>>फॉण्ट- किसी भी फॉन्ट में भेजा जा सकता हैं - वर्ड फाइल में भेजें >>>> ईमेल shodhrityu78@yahoo.com>>>>> ९४०५३८४६७२

Issue-35 January-March,2024

Issue-34 Oct.-Dec.,2023